आप जानिए, जमीन पर सोने से बीमारियाँ कैसे दूर होती हैं और कई वर्ष (लगभग 10-20 वर्ष ) आयु कैसे बढ़ जाती है.?
●क्या है इसका वैज्ञानिक आधार ?●
● पुराने जमाने मे ऋषि- मुनि देसीे गौवशं के गोबर एवं गोमूत्र से लीपी जमीन पर सोते थे और वो कभी भी बीमार नहीं होते थे तथा उनकी आयु भी बहुत लंबी होती थी।
● जमीन पर सोने के पीछे एक वैज्ञानिक आधार काम करता है। उसको हम गुरुत्वाकर्षण बल कहते है और शरीर में इसको अपान प्राण भी कहते हैैं।
● अपान प्राण का काम होता है शरीर को ऊर्जा के माध्यम से बॉंध कर रखना तथा शरीर के सभी ॳगो को अपनी शक्ति के अधीनस्थ रखना।
● इसी प्रकार प्रथ्वी का भी अपना एक प्राण होता है जिसको हम गुरुत्वाकर्षण बल से जानते हैं।
● प्रथ्वी हर अपनी चीज़ को अपनी तरफ खींचती है तथा अपनी गुरुत्व शक्ति से बांध कर ही रखती है।
● जब आप प्रथ्वी की सतह से ऊपर पलंग या चारपाई पर सोते है तो प्रथ्वी अपने बल के द्वारा आपको नीचे की और खींचती है तथा शरीर का अपान प्राण आपको अपनी तरफ खींचता है।
● जब हम सो जाते है तो प्रथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल और शरीर के प्राण बल के बीच बड़ी ही कशमकश और खींचतान होती है। इस खींचतान में शरीर की बहुत ज्यादा ऊर्जा की खपत होती है।
● जब सुबह हम उठते हैं तो बहुत ही थकान सी महसूस होती हैं।
● बदन में भी दर्द सा महसूस होता है चक्कर से भी आने महसूस होते हैं।
● इसके अलावा पलंग गद्दे और शरीर के बीच मे जो खाली जगह होती है जैसे गर्दन और कमर के हिस्से वहाँ पर भी खींचतान के कारण दर्द शुरू हो जाता है।
● गर्दन मे सरवाईकाल और कमर मे दर्द जिसको बैकपेन भी कहते है भयंकर रूप से शुरू हो जाता है।
● आप जमीन पर या फर्श पर सोते हैं तो आपको सर्वाइकल, कमर दर्द, चक्कर आना तथा स्लिपडिस्क जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलेगा।
● इसको आप एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं।अगर सोते बक्त आपका हाथ पलंग या चारपाई से 2 घंटे के लिए बाहर लटक जाये तो आपका हाथ बहुत देर तक सीधा ही नहीं होता है तथा उसमें दर्द भी बना रहता है।
● इसका मुख्य कारण है कि प्रथ्वी आपके हाथ को अपनी तरफ नीचे को खींचती है तथा पलंग चारपाई उसको ऊपर रोके हुए है, इसी खींचतान में हाथ पर बहुत ही ज्यादा जौर पड़ता है।
● इसी प्रकार पूरे शरीर पर रात भर जौर पड़ता है जिससे आपका शरीर बहुत ज्यादा ऊर्जा की खपत करता है।
● अगर आप जमीन पर सो जाते हो तो आपका शरीर प्रथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल में मिल जाता है और शरीर को कोई भी ऊर्जा रात को खपत नहीं करनी पड़ती है।
● शरीर उसी प्रकार काम करता है जिस प्रकार एक कार को रात भर एसी ऑन करके छोड़ दो तो कार रात भर मे तेल भी ज्यादा खाएगी और गरम भी होगी तथा खराब भी जल्दी जल्दी होगी।
● अगर कार नॉर्मल स्टार्ट है तो न गरम होगी और न ही तेल ज्यादा खाएगी।
● इसीलिए अगर आप लंबी आयु बिना किसी बीमारी के जीना चाहते हैं तो आपको जमीन पर ही सोना चाहिए।
जमीन पर सोने से जमीन के अंदर से निकलने वाली किरणें शरीर मे होने वाले विकारो को दूर करती है।रात को जमीन से निकलने वाली चुम्बकीय किरणों से शरीर ऊर्जा लेता है तथा दिन मे सूर्य की किरणों से ऊर्जा लेता है।
● यही कारण है कि मात्र एक गिलास दूध पीकर जमीन पर पूरी रात आप चैन से सो सकते है।
● आपको भूख नहीं लगेगी जबकि पलंग या चारपाई पर भर पेट भोजन खाने के बाद भी आपको सुबह सुबह भूख लगेगी।शारीरिक श्रम मुक्त जीवनशैली में रात को भरपेट भोजन के बाद फिर सबेरे सबेरे भूख लगने पर फिर नाश्ता किया गया तो उस भोजन का पाचन नहीं होने के कारण उल्टा हरतरह की बीमारियों से ग्रस्त हो गए हैं
हमारे बड़े बुजुर्गौ और ऋषि मुनियों की परंपरागत तरीके से चलने वाली जीवनशैली अपनाए बिना हम कभी भी रोगों से मुक्त नहीं हो सकते हमारी पूरी की पूरी दिनचर्या खान-पान रहन-सहन जीवन शैली बिगड़ गई है
आइए लोटते हैं-अपनी परंपरागत जीवनशैली की और करते हैं अपने ऋषि- मुनियों के ब्रह्मवाक्य को मूर्त रूप में सक्षम और साक्षात पहला सुख निरोगी काया के आनन्द को प्राप्त होकर बीमारियों और तकलीफों से भरी जिंदगी से छुटकारा पाने के लिए संकल्पित होकर अपने घर परिवार समाज और देश को स्वस्थ रखने की और एक कदम आगे बढे।