कान का बजना कान में आवाज आना

कान का बजना कान में आवाज आना

 

इसको ‘कर्ण नाद’ भी कहते हैं . कभी कभी सांय सांय की आवाज भी आती है। कानों में कभी-कभी अजीब सी आवाजें सुनाई देती हैं जैसे कि कोई कान में सीटी बजा रहा हो, बांसुरी बजा रहा हो और ऐसी बहुत सी आवाजें जो कि असल में होती नहीं है।

ये अक्सर रात को ज्यादा सुनाई देती हैं। इस रोग का सही समय पर उपचार न कराने से व्यक्ति बहरा भी हो सकता है।

*कुछ घरेलू उपाय ..*

1.बादाम के तेल की कुछ बूँदें गर्म करके कान में डालने से कान में होने वाली सांय सांय बंद हो जाती है .

2.सर्दी के कारण कान में अजीब सी आवाज होने पर सरसों के तेल को गर्म करके कान में डालने से आराम मिलता है।

3.लहसुन की 2 कलियां छिलका हटाई हुई, आक (मदार) का 1 पीला पत्ता और 10 ग्राम अजवायन को एक साथ मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लें और लगभग 60 मिलीलीटर सरसों के तेल में पकाने के लिए रख दें। पकने के बाद जब सब जल जाये तो इसे आग पर से उतारकर बचे हुये तेल को छानकर शीशी में भर लें। इस तेल की 2-3 बूंदों को रोजाना 3-4 बार कान में डालने से कान का दर्द, कानों में आवाज होना और बहरेपन का रोग ठीक हो जाता है।

4.स्वमूत्र को गरम करके दोनों समय कान में डालने से कान का दर्द, बहना , फोड़े फुंसियाँ , कान का बजना , बहरापन सभी में बहुत फायदा होता है .

5.अगर दिमाग की दुर्बलता से यह रोग हो तो ‘बादाम रोगन’ डालें ।

6.खुश्की की वजह से ये समस्या हो तो ‘कद्दू के बीजों का तेल ‘ डालें .

7.कान में कीड़े के वजह से हो तो कैम्फर आयल डालें ।

8.अनार के ताजे पत्तों को कुचलकर निकाला हुआ रस 100 ग्राम और गौमूत्र आधा किलो और तिल का तेल 100 ग्राम तीनों को धीमी आंच पर पकाएं .

केवल तेल रह जाए तो उतार लें और शीशी में रख लें . इसकी कुछ बूँदें गर्म करके सुबह शाम डालने से कान का दर्द , कान से आवाज आना और बहरेपन में बहुत फायदा होता है।

9.प्याज के रस को गुनगुना करके कानों में 3-4 बूंदें डालने से कानों में अजीब सी आवाज सुनाई देना, कान का दर्द और कान में से मवाद बहना आदि रोग ठीक हो जाते हैं।

10.गुड़ और घी को 1 चम्मच सोंठ में मिलाकर गर्म कर लें। इसे रोजाना 2 बार खाने से कान में अजीब-अजीब सी आवाजें सुनाई देना बन्द हो जाती हैं।

11.लहसुन की 2 कलियां छिलका हटाई हुई, आक (मदार) का 1 पीला पत्ता और 10 ग्राम अजवायन को एक साथ मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लें और लगभग 60 मिलीलीटर सरसों के तेल में पकाने के लिए रख दें।

पकने के बाद जब सब जल जाये तो इसे आग पर से उतारकर बचे हुये तेल को छानकर शीशी में भर लें। इस तेल की 2-3 बूंदों को रोजाना 3-4 बार कान में डालने से कान का दर्द, कानों में आवाज होना और बहरेपन का रोग ठीक हो जाता है।

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